मेरे निहारने को, वो घूरना समझती रही,पूरे प्यार की अधुरी बात यूँ कहती रही lहर कोने में इश्क की खुशबु फैलाने की बात थी,इसलिए मेरे हर गलती को नज़रअन्दाज करती रही l
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा हैउम्र का बेहतरीन हिस्सा है
वो गई कुछ इस तरह,छोड़ के,इंतज़ार करता रहा, हर मोड़ पे l