नए सप्ताह में नए दिन की शुरुआत करते है ,मिलते है किसी मोड़ पर फिर नई बात करते है l
"मैं सिसकियाँ ले रो भी नहीं सकता,
मुस्कुराने का उससे वादा किया है l"
क्या माँगू खुदा से तुझे,या तेरी परेशानियाँ माँगू lअब झुके सर सजदा को,रब से तेरी खुशियाँ माँगू l
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती हैं
एक पल की भी जुदाई मुद्दत सी लगती हैं
पहले नहीं सोचा था अब सोचने लगे हैं
जिंदगी में हर पल तेरी जर्रूरत सी लगती है
तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती
Na Pocho Ke Meri Manjil Kaha Hai
Abhi To Safar Ka Irada Kiya Hai
Na Haronga Hosla Umar Bhar
Ye Mene Kisi se nahi khud se vadha kiya hai…