बहुत शोर है आज हवाओं में,पीछे ना जाने, नुकसान कितना है,उड़ा जाता मन द्वन्द तो लगता,संभालना खुद को आसान कितना है l
खिड़कियाँ कमरों की थोड़ी खोलते क्यों नहीं,
बहते मंद समीर से थोड़ा मिलते क्यों नहीं l
नई सुबह में नई बात सोचों,
नए विचारों के साथ खुद से मिलते क्यों नहीं l
शुभ प्रभात
क्लास में आख़िरी बेन्च पर जो कुरेद कर तुम्हारा नाम लिखा था,
ज़िन्दगी की सब से लम्बी कहानी वही तो थी ….
Naa Jane Q..!Magar is Jhoothi Dunya K Jhootay Log,
Wafain Kar Nhi Saktay Waday Hazaar Kartay Hain…
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..