“क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते है तुझे।”
चलो एक कप चाय बनाते है,
तुम चीनी बन कर घुल जाना,
हम पत्ति बनकर रंग जमाते है।
तेरे बाद कुछ यूं मोहब्बत निभाई है मैंने,
तुम नहीं कोई नहीं कसम खाई है मैंने!
रात आती है तारें लेकर,नींद आती है ख़्वाब लेकर,दुआ है ये मेरी कि नई सुबह आये कल,तुम्हारे लिए ढेर सारी खुशियां लेकर…Good Night
हिम्मत नहीं अब बहस करने की
जो तुम कहो वही ठीक है !