मुट्ठी भर ख़्वाब मेरा,खुला पूरा आसमान तेरा lमैं चाँद तेरा हो सकता नहीं,तू बादल बन बरस सकता नहीं l
मेरी बहादुरी के किस्से कितने मशहूर थे इस शहर में,
पर तुझे खो जाने के डर ने मुझे कायर बना दिया...
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
उस मासूम शराब की मोहब्बत भी क्या खूब थी ।।
जालिम एक बार लबो पे लगी तो फिर कभी उसने बेवफाई ना की।।
काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..