सफर वही तक जहाँ तक तुम हो,नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो,वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर,खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।
ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
तेरी ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली।
अकेले में हर कोई इश्क कर लेता है,
बात तब बने जब कोई दुनियां के सामने तुम्हें अपना कहे।
प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही,याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही,रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है,आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही..
इंकार को इकरार कहते है,खामोशी को इज़हार कहते है,क्या दस्तूर है इस दुनिया का,एक खूबसूरत सा धोखा है,जिसे लोग ‘प्यार’ कहते है..
ये वादा है हमारा ना छोड़ेंगे साथ तुम्हाराजो गए तुम हमको भूल करले आएंगे पकड़ कर हाथ तुम्हारा !!!