प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही,याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही,रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है,आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही..
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।
कैसे एक लफ्ज़ में बयां कर दूँ
दिल को किस बात ने उदास किया
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.