जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो.
Swami Vivekananda
" रिस्ता " बारिश जैसा नही होना चाहिए ,
जो बरसकर खत्म हो जाए।
बल्कि
"रिस्ता "हवा की तरह होना चाहिए,
जो खामोश हो मगर सदैव आसपास हो।।🙏🙏
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
हर पल में प्यार है हर लम्हे में ख़ुशी है,खो दो तो याद है जी लो तो ज़िन्दगी है।