" रिस्ता " बारिश जैसा नही होना चाहिए ,
जो बरसकर खत्म हो जाए।
बल्कि
"रिस्ता "हवा की तरह होना चाहिए,
जो खामोश हो मगर सदैव आसपास हो।।🙏🙏
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
1 Bachha Bahooot
Der Se Ro Rha
Tha..
Maa Ne Puchha: “Mere Lal Ko Kya Chahiye?
Toffee,
Biscuit,
Ya
Chocolate”
Bachha:”Bas 1 Sanam chahiye,
Aashiqi ke Liye!”GN
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
ना गिला है कोई हालात से,ना शिकायते है किसी की बात से,खुद ही सारे जुदा हुए,मेरी जिंदगी की किताब से..