पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
बहुत मासूम होते है
ये आँसू भी
ये गिरते उनके लिए है
जिन्हे परवाह नहीं होती..
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे...तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं...
जब से देखी है हमने दुनिया करीब से;लगने लगे हैं सारे रिश्ते अजीब से !