साहित्य प्रेमी दूल्हा- आज से ही तुम मेरी कविता हो, भावना हो, कामना हो|दुल्हन - मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे दिनेश हो, सुरेश हो, राकेश हो|
एक बात मुझे समझ नहीं आई| जो गरीबो के हक के लिए लड़ते है|वो लड़ते लड़ते अमीर कैसे हो जाते है|
जिनको हम चुनते हैं…वो ही हमें धुनते हैं…चाहे बीवी हो या नेता…दोनो कहाँ सुनते हैं..
Computer फॉरमेट करो तो 2-3 घंटे का समय लगता है यहाँ तो देश फॉरमेट हुआ है भाई Virus तो विलविलायेंगे ही|
आज का सुविचार
भगवान जिसकी "मति" हर लेता है उसको "श्रीमति" दे देता है|
आज का ज्ञानअपनी तारीफ स्वयं करे बुराई करने के लिए तो बहुत हरामखोर बैठे है|