कभी मुश्किलें कभी खुशियाँ, यही तो है
जीवन की लड़ियाँ ||
जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं ,
जमाना उन्हें क्या जलाएगा ,
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं….जय भोलेनाथ….