अपना एक ख्वाब पूरा करने के लिए
वो बहुतों के ख्वाब तोड़ देते है,
बड़ी कम्बख्त होती हैं वो औलादे,
जो महबूब के लिए माँ-बाप को छोड़ देते है।
अजीब फितरत है इंसान की जब माँ-बाप के पास थे,तो अपने ही ख्यालों में रहते थे,अब माँ-बाप से दूर हैं,तो वो ही ख्यालों में रहते हैं।
टुकड़ों में बिखरा हुआ किसी का
जिगर दिखाएँगे, कभी आना भूखे सोए
बच्चों के माँ बाप से मिलाएँगे।
कहते है पहला प्यार भुलाया नहीं जाता,
फिर पता नहीं लोग अपने माँ-बाप का प्यार क्यों भूल जाते हैं।
फुल कभी दोबारा नहीं खिलते, जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते, मिलते है लोग हजारों पर हजारों गलितियाँ माफ करने वाले माँ-बाप दोबारा नहीं मिलते।