फुल कभी दोबारा नहीं खिलते, जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते, मिलते है लोग हजारों पर हजारों गलितियाँ माफ करने वाले माँ-बाप दोबारा नहीं मिलते।
जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है
बचपन मे होम वर्क जवानी मे होम लोन और बुढापे में होम अलोन
ही रह जाता है...
सुप्रभात!
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!
मदद करना सीखिये
फायदे के बगैर
मिलना जुलना सीखिये
मतलब के बगैर
जिन्दगी जीना सीखिये
दिखावे के बगैर
और
मुस्कुराना सीखिये
सेल्फी के बगैर!
SET A GOAL
THAT MAKES
YOU WANT TO
JUMP OUT OF
BED IN THE
MORNING