"हर असहमत आदमी से संवाद ज़रूरी है..!"
सच्चा हितैषी वो नहीं होता जो आपकी गलती पर हँसे
बल्कि आपकी ग़लतियों को सुधारने के लिए आपकी मदद करे.
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…