जब दिल ना लग
रहा हो कहीं…
तब समझिये कि
दिल लग गया है कहीं…
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करीब से..फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है…!!
अपने दिल की जमाने को बता देते हैं, हर एक राज से परदे को उठा देते हैं, आप हमें चाहें न चाहें गिला नहीं इसका, जिसे चाह लें हम उसपे जान लुटा देते हैं।
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो