तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ…..कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !
बस ईतनी सी उर्म के तलबदार है हम,ना मरेंगे तुझसे पहले ना जिऐँगे तेरे बाद..!!
हर चीज़ बिकने लगी है किश्तों परख्वाहिशों पे लगाम कोई कैसे लगाये?
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है …..मिल जाये तब भी और ना मिले तब भी !!
एक पल में छोड़ दिया तूने बात करना.....