तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम।
रूठे तो इक लफ्ज़ नहीं कहती है मुंह सेबस खाने में नमक ज़्यादा कर देती है..
ये बैचनी जो मेरे घर आई है,ना जाने कौनसा दर्द साथ लाई है lक्यों नज़र को, नज़र की तालाश है,क्या ये काँटों से भरा गुलाब है,या दूर कुसुमित फूल पलाश है l
"तुम रोज थोड़ा मिलना,
बहुत बाकी रह जाना,
तुम्हें खोजते-खोजते,
एक दिन खुद को पा लूँगा l"
श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
बोल तेरी मीठी घायल कर जाती है l
वो गोरे होते तो क्या होते,
सांवले रंग पे ही दुनिया मर जाती है l
खिलखिलाती सुबह है, है ताजगी भरा सवेरा
फूलों और बहारों ने, है रंग अपना बिखेरा
बस इंतज़ार है आपकी एक मुस्कराहट का
जिसके बिना… ये दिन है अधूरा!
Good Morning My Love.