समुद्री की ये 4 जीव होते हैं शीशे की तरह पारदर्शी, जानिए इनके बारे में

Know about these 4 transparent ocean species

समुद्र में कई सारे जलीय जीव रहते हैं. जिसमें नन्हे शैवाल से लेकर जानलेवा और खतरनाक शार्क मछली और ऑक्टोपस भी होता हैं. समुद्र के अंदर की गहराई में कई सारे गहरे राज के साथ-साथ खतरनाक जलीय जीव भी होते हैं. 

कुछ तो ऐसे छोटे जीव होते हैं जो बहुत ही जलरीले होते हैं. जैसे समुद्र में पाई जाने वाली ब्लू जेलीफिश. इसे दुनिया की सबसे जहरीली जेलीफिश भी कहा जाता हैं. ये दिखती सुंदर हैं लेकिन होती खतरनाक हैं. ये एकदम पारदर्शी होती हैं. आज हम आपको ऐसी ही 4  समुद्री जीव के बारे में बताने जा रहे हैं. जो एकदम शीशे की  पारदर्शी और सुंदर होते हैं. जिन्हें देखते ही लोग आकर्षित हो जाते हैं. 

ग्लास ऑक्टोपस 

ये ऑक्टोपस एकदम पारदर्शी होता हैं. इसकी त्वचा ग्लास की तरह क्लियर होती हैं. जिसमें से एक पार से दूसरे तरह देखा जा सकता हैं. इसलिए ये बहुत ही खूबसूरत लगता हैं. ये 18 इंच लम्बा होता हैं. इसके शरीर में सिर्फ इसका पाचनतंत्र और आँखें ही दिखाई देती हैं. साथ ही शिकारियों से बचने के लिए ये अपनी आँखें बड़ी कर सकता हैं. जिससे रौशनी परिवर्तित हो जाती हैं और ये बच जाती हैं. 

सी वॉलनट 

समुद्र में पाए जाने वाले इस जीव की आँखें और मस्तिष्क नहीं होती हैं. ये भी एकदम पारदर्शी होता हैं. इसके चलने या रेंगने की रफ्तार बहुत कम होती हैं. जिसकी वजह से लोग धोखा खा जाते हैं कि ये जिन्दा हैं या मर गया हैं. साथ ही इसे कॉम्ब जेली के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इसके शरीर की बनावट कंघी जैसे होती हैं. 

साल्प 

ये भी एक समुद्री प्रजाति हैं. ये काफी लम्बा और पारदर्शी होता हैं. इसकी खासियत ये हैं कि इसके अंदर कई सारी खूबियां होती हैं. ये जीव और पौधे दोनों तरीके से व्यवहार करता हैं क्योंकि इसके अंदर गिल्स और दिल दोनों होता हैं. साथ ही ये समुद्री वनस्पतियों को खाते हैं. 

क्रोकोडाइल आइसफिश 

क्रॉकोडिल यानी मगरमच्छ आप सभी ने देखा होगा. ये कितने खतरनाक होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी क्रोकोडाइल आइसफिश देखी हैं? तो शायद नहीं का ही जवाब मिलेगा क्योंकि ये जीव समुद्र की गहराई में पाया जाता हैं. जोकि बेहद पारदर्शी होता हैं. इसकी बनावट मगरमच्छ की तरह होती हैं. इसकी दो खासियत हैं. पहली ये काफी लम्बे समय तक बिना भोजन के रह सकता हैं. दूसरी ये कि इसका खून सफेद होता हैं क्योंकि इसमें हीमोग्लोबिन नहीं पाया जाता हैं.