जानिए कैसे और कब फटते हैं बादल?

Know the reason behind cloudburst

अक्सर बारिश के मौसम में पहाड़ी या तराई क्षेत्रों में बादल फटने या आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं सुनाई देती हैं. हालही में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ा में बादल फटने से भारी तबाही हो गई हैं. 

जिसमें कई सारे लोगों की जाने चली गई तो कितने लोग लापता हो गए. पहाड़ी इलाकों में मानसून के समय बादल फटने की घटनाएं काफी आम हो गई हैं. लेकिन क्या जानते हैं कि आखिर बादल कैसे और कब फटते हैं? क्या कारण होते हैं कि बादल फट जाते हैं? आज हम आपको ऐसे ही सवालों के जवाब देने जा रहे हैं. 

क्यों फटते हैं बादल?

बारिश के मौसम में जब भी बादल फटता हैं तो मूसलाधार बारिश काफी तेज होने लगती हैं. साथ ही कई बार ओले भी पड़ने लगते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक बादल फटने की घटना पृथ्वी की सतह से तकरीबन 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती हैं. जिसके प्रभाव से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से बारिश होती हैं. इसकी वजह से प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं. आमतौर में जब भी मानसून में नमी से भरे हुए बादल हिमालय या अन्य किसी पहाड़ की छोटी से टकराती हैं. तब इनके बीच घर्षण उत्पन्न हो जाता हैं. ऐसे में बादल फटने की घटना घटी होती हैं. साथ ही इसमें सबसे बड़ा रोल गर्म हवाओं के झोकें भी करते हैं. 

कब-कब हुई ऐसी घटनाएं?

भारत में ऐसी घटनाएं कई बार घटित हुई हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना हुई हैं. जिसकी वजह से कई सारे लोगों की जान चली गई. साथ ही इससे पहले साल 2013 में देवभूमि उत्तरखंड के केदारनाथ में 16 और 17 जून को बादल फटने की ही वजह से इतनी बड़ी तबाही आई थी. जिसमें हजारों लोग लापता हो गए. कई लोगों के घर तबाह हो गए. साथ ही ना जाने कितने लोग मारे गए. इससे पहले साल 2005 और 2010 लेह में भी गर्म हवाओं की वजह से बादल फटा था. जिसमें काफी नुकसान हुआ था. 

कैसे करें बचाव?

इससे बचने का सबसे बेहतरीन तरीका ये हैं कि बतौर सैलानी आप मानसून के समय पहाड़ी इलाकों में जाने से बचें. अगर आप ट्रिप पर जाते हैं तो मौसम के अनुसार ही अपना प्लान तैयार करें. साथ ही ख़राब मौसम में ड्राइविंग से बचें. मौसम के अनुसार ही गाइडिंग के लिए स्थानीय लोगों को साथ में रख लीजिए.