Disadvantage of Overloading in Car: कार में कभी न बिठायें जरूरत से ज्यादा लोग, होंगे ये 4 बड़े नुकसान

4 Disadvantages of overloading in the car

कई बार हम अपने छोटे से कार में आवश्यकता से अधिक लोगों को बैठा लेते हैं. ऐसा हम इसलिए करते है क्योंकि हमें इससे होने वाले नुकसान के बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती हैं. इसलिए हम इससे बहुत ही हल्के में लेते हैं. लेकिन ऐसा करना सबसे बड़ी गलती होती हैं.

 जिसे हम नजरंदाज कर देते हैं. इसलिए आज हम आपको को ओवरलोडिंग से होने वाले 4 बड़े नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनको जाने के बाद आप आगे से अपने कार में ज्यादा लोगों को बिठाना छोड़ देंगें..... 

कार के बॉडी फ्रेम को होता हैं भारी नुकसान 

  • ओवरलोडिंग गाड़ी के बॉडी फ्रेम के लिए नुकसानदायक होता है.
  • किसी भी कार का बॉडी फ्रेम एक लिमिट तक का ही वेट उठा सकता है.
  • कार में जरुरत से अधिक लोगों को बैठाते रहने से कार के  बॉडी फ्रेम में दरारें पड़ सकती हैं. जिससे  फ्रेम कमजोर होकर टूट सकता है.
  • जिसको ठीक कराने में खर्चा भी काफी आता है.

इंजन और माइलेज पर फर्क आ जाता हैं 

  • ओवरलोडिंग की वजह से कार के इंजन पर दबाव पड़ता है.
  • इस दबाव की वजह से कार का  इंजन इतना ज्यादा गर्म हो जाता है इसी कारण एक समय बाद इसका माइलेज कम होने लगता है.
  • एक से अधिक बार ओवरलोडिंग करने से कार का इंजन डैमेज हो सकता है.

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सस्पेंशन

  • कर के सीटिंग कपैसिटी से अधिक लोगों को  बैठाने से कार के सस्पेंशन पर दबाव पड़ता है. फिर ये कमजोर होने लगता है.
  • लंबे समय तक ओवरलोडिंग होने के कारण कार के सस्पेंशन के टूटने  की भी संभावना रहती हैं. जिसके कारण आप कभी भी किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं.

टायर्स हो जाता हैं ख़राब 

  • कार में अधिक लोगों को बैठाना टायर्स के लिए भी नुकसानदायक होता है.
  • कार में ओवरलोडिंग करने से टायर्स पर दबाव ज्यादा पड़ता है. जिसकी वजह से टायर्स जल्दी घिसते हैं और कई बार पंक्चर भी हो जाते हैं.
  • ओवरलोडिंग से टायर्स जल्दी घिस जाते हैं. इसलिए  इन्हें बार-बार बदलवाना भी पड़ता है.
  • कार के टायर्स को बचाने के लिए हमेशा ओवरलोडिंग से बचना चाहिए.