जादुई गधा

एक बार की बात हैं बादशाह अकबर का शाही हार चोरी हो गया. वो हार बहुत कीमती और उनकी बेगम के द्वारा दिया गया तोहफ़ा था. इसलिए वो बहुत चिंतित हो गए. लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें वो हार नहीं मिला. बादशाह बहुत दुःखी हो गए, उन्होंने बीरबल को संदेशा भेजा की वो उनसे मिलना चाहते हैं और वो जहाँ कहीं भी हो वो फौरन राज दरबार में हाज़िर हो जाये. 

बीरबल को सन्देश मिला तो वो तुरंत दरबार में हाज़िर हो गये. उन्होंने अकबर से पूछा की क्या हो गया जहांपना जो आप ने मुझे इतनी जल्दी में यहाँ बुलवा लिया? सब खैरियत तो है? अकबर ने कहा, बीरबल मुझे तुम्हारी आवश्यकता हैं, और मुझे विश्वास हैं सिर्फ़ तुम ही वो कर सकते हो. दरअसल मेरा एक बेशकीमती हार मेरे हरम से चोरी हो गया लेकिन बहुत कोशिशों के बावजूद भी मिल नहीं रहा हैं और न ही चोर का पता चल रहा हैं. बीरबल ने कहा आप मुझे शुरू से बताइये की ये घटना कब और किस वक़्त घटित हुई? अबकर ने कहा, जब मैं नहाने जा रहा था तब मैंने वो हार अपने आलमारी में रख दिया था और जब लौटा तब वो वहां से ग़ायब था. बीरबल ने कहा की मुझे एक दिन का समय दिया जाये हुज़ूर मैं कल चोर और हार दोनों आपके सामने ला दूंगा. अकबर से इजाज़त लेकर बीरबल घर चले गए. अगले दिन वो एक गधे के साथ दरबार में हाज़िर हुए. अकबर को ये देखकर बहुत गुस्सा और उन्होंने बीरबल से पूछा ये क्या तमाशा हैं? चोर और हार कहाँ हैं? 

बीरबल ने कहा, जहाँपना आप के चोर को मेरा ये जादुई दोस्त ढूढ़ेंगा आप बीएस देखते जाइये. उसके बाद बीरबल ने अकबर के सभी नौकरों को वहां बुलवाया जो कल हरम में मौजूद थे. उनसे बीरबल ने  कहा, मुझे पता है हार आप में से किसी एक के पास हैं. इसलिए आप लोग अब वहीं करेंगे जो मैं कहूंगा. आप सभी वहां बाग़ में एक कमरे में मेरा जादुई गधा हैं और आप जाकर उससे मिलकर आइये और उसके पूछ को पकड़ के उनका परिचय कीजियेगा. सभी नौकर बीरबल का आदेश पाकर एक एक करके गधे से मिलकर वापस आने लगे, तभी बीरबल ने उन्हीं में से एक को लाइन से निकालकर बाहर ले आये और बादशाह से कहा, ये रहा आपका चोर, इसी ने ही हार चुराया हैं. बादशाह को उनका हार वापस मिल गया और उनहोंने बीरबल को शाबाशी और उस चोर को दंड दिया. 

फिर अबकर ने बीरबल से पूछा की तुमने ये किया कैसे? क्या वो गधा सच-मुच का जादुई हैं? बीरबल ने हँसते हुए कहा, नहीं जहाँपना मैंने गधे की पूंछ पर एक विशेष प्रकार का इत्र लगा दिया था. इसलिए जब सभी लोगों ने उसके पूंछ को छुआ तो मुझे उनके हाथों से उसकी महक़ आ गई लेकिन इसने नहीं छुआ था और मैंने इसे पकड़ लिया.