कई बार रिजेक्ट होने के बाद मिली थी रामायण को मंजूरी, जानिए रामायण के शूटिंग से जुड़े मजेदार किस्से

12 Untold Facts About Ramanand Sagar Ramayan Shooting

साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन देश का पहला धार्मिक सीरियल रामायण का सीधा प्रसारण हुआ था. रामानंद सागर के निर्देशन में बने इस धार्मिक टीवी सीरियल ने काफी लोगों के दिलों को जीत लिया था. रामायण ने आम लोगों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी हैं. 

इसमें राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को लोग सच में राम-सीता मानने लगे थे. रामायण का क्रेज ऐसा चढ़ा कि लोग टीवी पर इसको देखकर राम-सीता की आरती तक उतारने लगते थे. देश के कई हिस्सों में शाम के 7 बजे के बाद ऐसा लगता था कि सरकार ने कर्फ्यू का ऐलान कर दिया हो. लोग अपने घरों तो पड़ोसियों के घरों में घुसे मिलते थे. रामायण ने जितनी ज्यादा ख्याति प्राप्त की उतनी लोकप्रियता अन्य किसी धार्मिक शो को शायद ही मिली हो. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि रामायण को सूचना और प्रसारण मंत्रायल से कई बार रिजेक्ट किया गया था. इसके चक्कर में रामानंद सागर ने कितनी बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाये थे. तब जाकर रामायण को प्रसारित करने की इजाजत मिली थी. 

ramayan shooting days

आज हम आपके लिए रामायण से जुड़े कुछ ऐसे ही मजेदार और रोचक किस्से लेकर आये हैं. जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. 

1. आखिर क्यों रिजेक्ट हुई थी रामायण?

2. कहाँ पर हुई थी रामायण की शूटिंग?

3. राम के रोल के लिए लिया गया था टेस्ट, अरुण गोविल हुए थे पहली बार में रिजेक्ट 

4. राजा दशरथ की मौत वाले सीन के समय अरुण गोविल पड़ गए थे दुविधा में 

5. दूरदर्शन पर प्रसारण से मात्र आधे घंटे पहले पहुंचती थी रामायण की कैसेट 

6. आखिर क्यों कई घंटों तक रोती रही थी केकैयी?

7. आखिर क्यों दारा सिंह नहीं करना चाहते थे हनुमान का रोल और फिर क्यों छोड़ दिया था चिकेन-मटन?

8. शूटिंग के दौरान घंटों पानी नहीं पीते थे ये कलाकार 

9. पहले एपिसोड की शूटिंग में लगे थे 15 दिन 

10. महज 15 साल की उम्र में दीपिका चिखलिया ने निभाया था माँ सीता का  ऐतिहासिक रोल 

11. घर वालों से बात करने के लिए घंटे लाइन में लगे रहते थे कलाकार 

12. सुग्रीव की कास्टिंग को लेकर थे रामानंद सागर बहुत परेशां, फिर ऐसे हुए था चमत्कार 

ramayan ram role

1. आखिर क्यों रिजेक्ट हुई थी रामायण?

सबसे पहले रामानंद सागर ने रामायण का एक सैंपल एपिसोड सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को दिखाया था. जिसके बाद उन्होंने इसे पहली दफा में रिजेक्ट कर दिया था. सरकारी अधिकारियों के अनुसार इसमें सीता माँ को कट स्लीव्स ड्रेस पहनी हुई हैं. साथ ही उन्होंने कुछ और बदलाव का भी जिक्र किया. इसके बाद रामानंद सागर ने फिर से दूसरा एपिसोड बनाया और उसे दिखाया गया लेकिन ये भी रिजेक्ट हो गया. इसके बाद तीसरा सैंपल एपिसोड बनाया गया और वो भी रिजेक्ट हो गया. देश में पहली बार कोई धार्मिक सीरियल बनाया जा रहा था. जिसका प्रसारण नेशनल टीवी पर होना था. इसलिए इसको चेक करना बहुत जरुरी था कि किसी प्रकार की कोई कमी न रह जाये. जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो जाएं. 

रामानंद सागर ने एक इंटरव्यू में बताया कि सूचना प्रसारण मंत्रालय का चक्कर काट-काटकर मेरे दो तीन जोड़ी जूते तक घिस गये थे. लेकिन 2 साल बाद रामायण को आख़िरकार हरी झंडी मिल गयी और इसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया. उसके बाद इस टीवी सीरियल ने इतिहास रच दिया. 

arun govil was rejected as a ram

2. कहाँ पर हुई थी रामायण की शूटिंग?

रामानंद सागर के रामायण से और भी ज्यादा दिलचस्प इसके शूटिंग के दिनों के किस्से हैं. उन्हें इसे शूट करने के लिए लोकेशन ढूढ़ने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. वो एक ऐसी जगह चाहते थे, जहां पहाड़, नदी और पेड़-पौधे हो क्योंकि मुंबई में ये शूट कर पाना बहुत मुश्किल और महंगा था. साथ ही रामायण में काफी ज्यादा किरदार भी शामिल थे. शूटिंग लोकेशन को लेकर रामानंद सागर और भी ज्यादा परेशान हुए. ऐसे में एक हरि भाई नाम के आदमी ने उन्हें एक बेहतरीन जगह का नाम बताया जो कि गुजरात में था. हरि भाई ने रामानंद सागर को उगरगांव के बारे में बताया. जहां रामानंद सागर गए और उन्हें वो जगह पसंद आ गई. फिर वहीं पर शूटिंग शुरू कर दी. 

3.अरुण गोविल हुए थे पहली बार में रिजेक्ट 

रामायण में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को लोगों का खूब प्यार मिला. उनको राम के किरदार में सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली थी. लोग सच में उन्हें भगवान राम समझकर उनके पैरों में गिर पड़ते थे. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि अरुण गोविल को पहली बार रिजेक्ट कर दिया गया था. बाद में इनकी प्यारी मुस्कान को देखकर इन्हें ये रोल दे दिया गया. जिसे उन्होंने हमेशा हमेशा के लिए अमर कर दिया. 

अरुण गोविल के बारे में कहा जाता था कि वो वन टेक आर्टिस्ट थे. एक बार में ही रोल समझ जाते थे और एक ही टेक में ही पूरा कर लेते थे. उन्हें संवाद और स्क्रिप्ट एक बार में ही याद हो जाते थे. ठीक ऐसे ही एक और बेहतरीन कलाकार राज शेखर भी थे. राज शेखर भी एक ही टेक में पूरा शूट खत्म करते थे. 

ऐसे ही एक दिन रामानंद सागर ने शूटिंग के बाद इन दोनों को बुलाया और एक 22 पन्ने की स्क्रिप्ट दोनों को दे दिया. दोनों ने स्क्रिप्ट पढ़ी और फिर अरुण को राम के गेटअप में और राज शेखर को एक गुप्तचर के रोल में शूटिंग फिर से शुरू हुआ. दोनों ने एक बार फिर से एक ही टेक में पूरी शूटिंग खत्म कर दी. जिसे देखते ही रामानंद ने राम को गले लगा लिया. तब उन दोनों ने पूछा कि, 'वैसे शूटिंग तो खत्म हो गयी हैं फिर ये क्यों?' तब रामानंद सागर ने बताया कि मैंने सुना था कि तुम दोनों एक ही टेक में शूटिंग कर लेते हो. तो उसी का टेस्ट ले रहा था. 

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4. राजा दशरथ की मौत वाले सीन के समय अरुण गोविल पड़ गए थे दुविधा में 

रामायण की शूटिंग से जुड़ा हुआ एक और बेहतरीन किस्सा है. जो अरुण गोविल से जुड़ा हुआ हैं. राम के रोल में जब उन्हें भरत के द्वारा सूचना मिलती है कि, राजा दशरथ नहीं रहे. तब अरुण गोविल काफी दुविधा में पड़ जाते हैं. उन्हें समझ ही नहीं आता कि इस परिस्थिति में कैसा एक्सप्रेशन दे? क्योंकि वो भगवान है और भगवान रो तो सकते नहीं, उदास का भाव लाने नहीं देना था. तब ये सीन उनके लिए रामायण का सबसे ज्यादा चैलेंजिंग सीन बन गया था. लेकिन बाद में उन्होंने इसे बहुत ही आराम से कर लिया था. 

5. दूरदर्शन पर प्रसारण से मात्र आधे घंटे पहले पहुंचती थी रामायण की कैसेट 

रामायण का प्रसारण रविवार के दिन सुबह 9:30 बजे दूरदर्शन पर किया जाता था. इस सीरियल को देखने के लिए लोग अपने सारे काम-धंधे छोड़ देते थे. देश के कई हिस्सों में बस, ट्रक, ट्रेन और अन्य वहन तक रोक दिये जाते थे. विश्व में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पौराणिक टीवी सीरियल का रिकॉर्ड भी रामायण के नाम हैं. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि रामायण प्रसारण वाले दिन इसकी कैसेट दूरदर्शन के ऑफिस में भेज दी जाती थी. कई बार तो कैसेट प्रसारण समय से ठीक आधे घंटे पहले ही दफ्तर में पहुँचती थी. इसकी कैसेट तैयार करने में भले ही टाइम लगती थी. लेकिन कभी भी इसके प्रसारण में रुकावट नहीं आयी. इसके पूरे 78 एपिसोड थे. रामयण की शूटिंग 24 घंटे चलती रहती थी. रामानंद सागर रात के दो-दो बजे तक शूटिंग करते रहते थे क्योंकि उनको हर चीज परफेक्ट चाहिए होती थी. 

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6. आखिर क्यों कई घंटों तक रोती रही थी केकैयी?

रामायण में केकैयी का रोल बहुत ही इम्पोर्टेन्ट माना जाता हैं. जिसे पद्मा खन्ना नाम की एक अभिनेत्री ने निभाया था. रामायण के एक सीन में जब केकैयी कोप भवन में जाती हैं तो वहां पर उन्हें रोता हुआ दिखाया जाता हैं. लोग बताते हैं कि पद्मा खन्ना रोल में इस कदर रम चुकी थी कि वो कट बोले जाने के बावजूद कई घंटों तक रोती रही. इस सीन को देखकर रामानंद सागर भी काफी भावुक हो गये थे. जिससे उनके भी आंसू आ गए थे. 

7. आखिर क्यों दारा सिंह नहीं करना चाहते थे हनुमान का रोल और फिर क्यों छोड़ दिया था चिकेन-मटन?

रामायण में हनुमान जी का करिदार निभाने वाले दारा सिंह को कोई नहीं भूल सकता. उन्होंने हनुमान जी के रोल को पर्दे पर एकदम जीवंत बना दिया. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि जब रामानंद सागर ने उन्हें ये रोल ऑफर किया था. तो उन्होंने इसे करने से मना कर दिया था क्योंकि उस समय दारा 60 साल के हो गए थे. इसलिए अपने उम्र का हवाला देखकर उन्होंने ये रोल करने से मना कर दिया था. लेकिन जब रामानंद सागर ने काफी जिद्दी की तो उन्होंने रोल करने के लिए हां कर दिया था. 

साथ ही एक किस्सा ये भी है कि, दारा सिंह ने अपनी श्रद्धा भाव से चिकेन-मटन न खाने की शपथ ली थी. दारा सिंह जी स्वयं हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे. इसलिए उन्होंने ये कहा था कि जबतक वो पूरी शूटिंग नहीं कर लेते तब-तक वो चिकेन-मटन नहीं खाएंगे. हनुमान जी के करिदार में सबसे ज्यादा प्रसद्धि सिर्फ दारा सिंह को मिली. इस रोल में उन्हें हनुमान बनाने के लिए 4 घंटे का समय लगता था. 

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8. शूटिंग के दौरान घंटों पानी नहीं पीते थे ये कलाकार 

रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर साल 1987-88 के बीच हुआ था. इस टीवी सीरियल को कुल 78 एपिसोड में बनाया गया था. उन दिनों इसकी शूटिंग मुंबई में नहीं बल्कि सूरत के एक गांव में हो रही थी. रामायण में लक्षण का रोल निभा चुके सुनील लहरी ने अपने एक इंटरव्यू में शूटिंग दिनों को याद करके ये खुलासा भी किया था. सुनील लहरी के अनुसार जब रामायण की शूटिंग शुरू हो जाती थी, तो कई सारे एक्टर्स पानी तक पीना छोड़ देते थे. वो 5-6 घंटों तक पानी नहीं पीते थे. ऐसा इसलिए होता था क्योंकि रामायण की शूटिंग के समय आज जितनी फैसलिटी नहीं थी. सेट परवॉशरूम की काफी दिक्क़ते थी. जिसके वजह से लोग पानी नहीं पीते थे. अगर अपनी पीयेंगे तो वॉशरूम जाना होगा और वहां गांव में ऐसी सुविधा थी नहीं. इसलिए सबने शूटिंग के दौरान पानी पीना छोड़ दिया था. 

9. पहले एपिसोड की शूटिंग में लगे थे 15 दिन 

रामायण में माँ सीता का करिदार निभा चुकी दीपिका चिखलिया के अनुसार, रामानंद सागर हर चीजों को परफेक्ट तरीके से करना चाहते थे. उन्हने किसी भी प्रकार की कमी नहीं चाहिए होती थी. इसलिए वो रात के दो-तीन बजे तक शूटिंग करते रहते थे. साथ ही रामायण का पहला एपिसोड शूट होने में 15 दिन लगा था. मैं तो महीने के 27 दिन तो सेट पर ही रहा करती थी. मुंबई आना जाना तक नहीं हो पाता था.

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10. महज 15 साल की उम्र में दीपिका चिखलिया ने निभाया था माँ सीता का  ऐतिहासिक रोल 

रामायण में सीता के रोल में दीपिका चिखलिया को भी खूब प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी. उन्होंने इस रोल को जिस अंदाज और बेहतरीन ढंग से निभाया था. उसे देखकर लोगों ने इन्हें ही असली सीता मान लिया था. लोग जहां पर दीपिका को देखते, सीता माँ कहकर आशीर्वाद लेने चले आते थे. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि रामायण के शूट के समय दीपिका महज 15 साल की थी और जब उन्हें ये रोल ऑफर हुआ था. तो उन्हें पहले ये नहीं पता था कि ये सीरियल इतिहास रचने वाला हैं. दीपिका चिखलिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि, सीता का रोल करने के बाद उन्होंने कभी छोटी ड्रेस नहीं पहनी थी. 

11. घर वालों से बात करने के लिए घंटे लाइन में लगे रहते थे कलाकार 

रामायण की शूटिंग के समय लोग कई दिनों तक घर पर बात तक नहीं कर पाते थे. इसके बारे में सुनील ने बताते हुए कहा था कि, 'उन दिनों हम शहर से काफी दूर शूटिंग कर रहे थे. जहां पर किसी भी प्रकार के फोनबूथ का इंतजाम नहीं होता था. वहां से कुछ दूर पर एक टेलीफोन था. जहां पर लोग जाकर अपने घर वालों से बात करने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते थे. 

12. सुग्रीव की कास्टिंग को लेकर थे रामानंद सागर बहुत परेशां, फिर ऐसे हुए था चमत्कार 

रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण के शूटिंग दिनों के काफी किस्से चर्चे में हैं. जिनमें से एक सबसे अहम किस्सा रामायण में सुग्रीव के रोल को लेकर है. असल में रामायण में सारे कास्टिंग हो गए थे. लेकिन रामानंद सागर सुग्रीव के रोल को लेकर काफी परेशान थे. उन्हें इस रोल के लिए कोई बेहतरीन एक्टर नहीं मिल रहता था. इसी परेशानी में वो एक रात भगवान राम का लेकर सोये, तो सुबह गजब का चमत्कार हुआ. अगले दिन इंदौर से एक अच्छी पर्सनालिटी का पहलवान आया. जिसे तुरंत सुग्रीव का रोल दे दिया गया. रामायण में सुग्रीव का रोल श्याम सुंदर ने निभाया था. जिनका हाल ही में निधन हो गया है.