गौरैया और मूर्ख बंदर

बहुत पुरानी कहानी हैं एक जंगल में एक गौरया रहती थी, जो बहुत ही प्यारी थी. 

उसका उस जंगल में सभी के साथ बहुत अच्छा व्यवहार था सब उसे बहुत पसंद करते थे. उसी जंगल में एक बंदर भी रहता था, जंगल के जीवा जितना गौरया से प्रेम करते थे उतना ही वो उससे चिढ़ता था. 

एक रात जंगल में खूब ज़ोरों की बारिश हुई. उसके साथ ही साथ ओले भी पड़ने लगे. सभी लोग इधर उधर भागने लगे. गौरया अपने घोसले में जा कर बैठ गई कुछ देर बाद वहीँ पर बंदर भी आ गया. बंदर को देखते ही गौरया ने पूछा क्यों भैया ठण्ड लग रही हैं? मैं तो पहले से ही कहती थीं  की तुम अपना घर बना लो लेकिन तुमने एक ना सुनी अब ठण्ड में मारो. 

बंदर को उसकी बातों से गुस्सा आ रहा था लेकिन कुछ देर तक वो शांत रहा, फिर अचानक उसने उसका घोसला उठा कर निचे फेक दिया और चिड़िया ठण्ड से तड़प तड़प कर मर गई.

सीख : 1. बिना मांगे किसी को भी सलाह नहीं देनी चाहिए, खासकर मूर्ख व्यक्ति को तो बिलकुल भी नहीं।

2. मूर्खों को सीख या सलाह देने का कोई लाभ नहीं होता। उल्टे सीख देने वाले को ही पछताना पड़ता हैं।