Ganesh Chaturthi: इस तिथि को पड़ रही इस साल गणेश चतुर्थी, जानिए व्रत आदि का नियम और महत्व

When we celebrate Ganesh Chaturthi this year? Know all the details here

भगवान गणेश को हिन्दू धर्म के अनुसार प्रथम आराध्य देवता माना जाता हैं. हर साल हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद के चतुर्थी तिथि से लेकर चतुर्थदशी तक मनाया जाता हैं. इसको विनायक चतुर्थी के भी नाम से जाना जाता हैं.

 हिन्दू धर्म और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चतुर्थी के ही दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इसलिए कई सालों इस तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता हैं. 

इस साल गणेश चतुर्थी कब पड़ रही हैं? 

हर साल की तरह इस साल भी हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी भाद्रपद की चतुर्थी यानी सितंबर महीने की 10 तारीख हो मनाई जाएगी. भक्तगण इस दिन 11:03 से 13:33 तक यानी 2 घंटे 30 मिनट तक शुभमुहूर्त में पूजा-अर्चना कर सकते हैं. ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सभी लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. 

क्यों नहीं देखते हैं गणेश चतुर्थी के दिन चाँद?

लोगों की ऐसी मान्यता हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन चाँद के दर्शन नहीं करने चाहिए. गलती से भी चाँद को नहीं देखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से लोगों के ऊपर झूठे आरोप या कलंक लगने की संभावना बढ़ जाती हैं. इसी कारण से इस गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी, कलंक चौथ और पत्थर चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पावन दिन को इस नाम से पुकारे जाने के पीछे भी एक रोचक कहानी छुपी हुई हैं. जो इस प्रकार से है........ 

 एक बार गणेश जी अपने मूषक पर बैठकर रात में घूम रहे थे. तभी उनका चूहा डर के मारे उछल पड़ा क्योंकि उसने एक भयंकर काल सांप देख लिया था. ऐसे में उसके ऊपर बैठे गणेश जी का बैलेंस बिगड़ गया और वो नीचे गिर पड़े. तभी उन्होंने इधर-उधर नजर दौड़ाई की किसी ने उन्हें इस अवस्था में देख तो नहीं लिया? रात का अँधेरा था साथ ही वहां कोई और नहीं था. ऐसे में गणेश जी को लगा की किसी ने उन्हें गिरते हुए नहीं देखा. लेकिन तभी उन्हें जोर-जोर से हंसने की आवाज सुनाई दी. उन्होंने देखा तो पता चला कि चंद्र देव उन पर ठहाके मार के हंस रहे थे. साथ ही उनका उपहास कर रहे थे. इससे क्रोधित होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया. जिससे कारण चंद्रमा का पूरा रूप काला हो गया और समस्त संसार में अंधकार छा गया. जिसके बाद देवताओं के समझाने पर गणेश देवता ने चंद्रमाँ को क्षमा कर दिया. लेकिन उनके श्राप के असर के कारण ही चन्द्रमा हर महीने 15-15 दिन के अंतराल पर घटता और बढ़ता हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो भी इंसान भाद्रपद की चतुर्थी को चंद्र देव के दर्शन कर लेगा उसे अशुभ फल ही मिलेगा. तब से गणेश चतुर्थी के दिन चाँद को देखना निषेध हैं.