बिजली की तार पर बैठी पक्षियों को क्यों लगता हैं करंट? जानिए इसका कारण

Why do not Birds feel electric shock while sitting on the cable?

आपने बिजली की तारों पर बैठी हुई पक्षियों को तो देखा ही होगा. वो सभी कई कई घंटों तक इन तारों पर बैठी रहती हैं. जबकि इन तारों में 440 वाल्ट से लेकर 11000 और उससे हाई वाल्ट की करंट दौड़ती रहती हैं. 

ऐसे में एक सवाल आप सभी के मन में आता होगा, कि आखिर इन पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता हैं? जबकि इंसान को नार्मल सी अर्थिंग से ही पूरे शरीर में झनझनाहट हो जाती हैं. बिजली इन तारों के माध्यम होती हुई आपके घरों में पहुंचती हैं. जिससे कई सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे पंखा, टीवी, फ्रिज, बल्ब आदि चलते हैं. 

इस वजह से नहीं लगता हैं पक्षियों को करंट 

बिजली के काम करने के पीछे इसका अपना एक अलग विज्ञान होता हैं. इसका अपना सिद्धांत होता हैं. करंट के फैलने के लिए दो तारों की जरूरत होती हैं. जिसे आम भाषा में ठंडा और गर्म तार कहा जाता हैं. फिजिक्स की भाषा में इन्हें फेज और न्यूट्रल तार कहते हैं. जिसका मतलब होता हैं कि फेज से ही करंट फॉलो होता हैं जबकि न्यूट्रल तार डेड रहता हैं. लेकिन ये दोनों तार आपस में मिलकर ही करंट का सर्किट पूरा करते हैं. तभी जाकर तारों के बीच से इलेक्ट्रान फ्लो होकर इलेक्ट्रिक यंत्रों में पहुंचते हैं और जो चलने लगते हैं.  ऐसे में जब चिड़ियाँ इन तारों पर बैठती हैं तो ये सिर्फ एक ही तार पर अपने पंजे रखती हैं. जिससे दूसरा तार इनके सम्पर्क में नहीं आता हैं. इस वजह से इलेक्ट्रान का सर्किट पूरा नहीं होता हैं और इनको करंट नहीं लगता हैं.  साथ ही पक्षियों के अंदर की कोशिकाएं और ऊतक इलेक्ट्रान के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करते हैं. जिसकी वजह से भी इनको करंट नहीं लगता हैं. 

क्या होगा अगर दोनों तारों में बिजली चलने लगे?

क्या आपने कभी सोचा हैं कि अगर बिजली के दोनों तारों में इलेक्ट्रान दौड़ने लगे तो? ऐसे में क्या होगा? इसका सबसे सिंपल जवाब हैं. अगर इलेक्ट्रान दोनों तारों से जाने लगेगी तो चिड़िया मर जाएगी. साथ ही इतनी ज्यादा करंट फ्लो होने से शॉर्ट-सर्किट हो जाएगी. आपने कई बार देखा होगा कि अचानक फ्यूज उड़ जाती हैं. ऐसा इसी कारण से होता हैं क्योंकि किसी कारण से दोनों तारों में बिजली दौड़ने लगती हैं. 

इंसानों को क्यों लगती हैं करंट?

एक सवाल ये भी हैं कि हम इंसानों को क्यों लगती हैं करंट? तो ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि हम जब तार को छूते हैं, तो नीचे धरती पर नंगे पैर खड़े होने से सर्किट पूरा हो जाता हैं. ऐसे में हमको करंट के झटके महसूस होते हैं. आप अगर गौर करेंगे तो आपको मालूम होगा कि जब-जब आपको करंट लगा हैं या लगता हैं आपकी बॉडी किसी तरीके से अर्थिंग पा जाती हैं. कभी गीले चप्पल से, कभी जमीन से या तो कभी किसी का शरीर टच हो जाने से. 

चमगादड़ को क्यों लगता हैं करंट?

कई सारे चमगादड़ भी तारों से उलटे लटके होते हैं. ऐसे में कई बार अचानक उनमें से कुछ करंट लगने से गिर कर मर जाते हैं. लेकिन ऐसा क्यों होता हैं? जबकि बाकी की पक्षियां नहीं मरती. ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि कई बार तार से लटके चमगादड़ की दोनों पंखें आपस में टच हो जाती हैं. जिसकी वजह से सर्किट पूरी हो जाती हैं और करंट का फ्लो उनकी बॉडी में होने लगता हैं.