नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,
ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
चौदहवीं रात के इस चाँद तलेसुरमई रात में साहिल के क़रीब दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू ईसा के हाथ से गिर जाए सलीब बुद्ध का ध्यान चटख जाए ,कसम से तुझ को बर्दाश्त न कर पाए खुदा भी दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू चौदहवीं रात के इस चाँद तले !
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !