जब भी कोई करता है तारीफ,मैं अन्दर से थोड़ा डर जाता हूँ lये एक बोझ सा लगता है कभी,ना जाने कितनी बार झूठ भी कह जाता हूँ l
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
“दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है”
रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज़ हो,
कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो,
रिश्ता सिर्फ वो नहीं जो ग़म या ख़ुशी में साथ दे,
रिश्ते तो वो हैं जो हर पल अपनेपन का एहसास दें!
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।