जब भी कोई करता है तारीफ,मैं अन्दर से थोड़ा डर जाता हूँ lये एक बोझ सा लगता है कभी,ना जाने कितनी बार झूठ भी कह जाता हूँ l
Har dua kabool nahi hoti,Har aarzoo poori nahi hoti.Jinke dil me aap jaise dost ho,Unke liye dhadkan bhi zaroori nahi hoti.
तेरी Lovely आँखों ने
मुझपे ऐसा Effect किया,
की दिल ने सबको छोड़ के
तुझको ही Select किया !!
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो।