आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगाजाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा
बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म,जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,तुझ पर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,ना रोते हम यूँ तेरे लिये..अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..
इतने हसीं चेहरे को देख कर चाँद भी सरमा गया,
आया मेरे पास और चुपके से फार्मा गया,
की जा रहा हु मैं छुपाने को अपनी ये खूबसूरती,
क्यों की मुझ से भी हसीन कोई आया और इस जहां पर छा गया
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है..मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।