सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँ
अपने अश्क मुसलसल बरसें अपनी-सी बरसात कहाँ।।
हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
सोच को बदलो, सितारे बदल जायेंगे
नजर को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं.
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे
Sirf ek baar Galey Lag kar mere Dil ki Dhadkan Sunn,Phir Lautney ka irada Hum Tum par chor Den Ge.
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!