Pyas aisi ki tujhe pyar hi pyar de du,Dard aisa ki puri kitab likh du,
Ye jawani kya hai apni kahani kya hai,
Tere naam pe aaj main puri zindgani likh du.
तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
मेरे-तेरे इश्क़ की छाँव में… जल-जलकर!
काला ना पड़ जाऊ कहीं !
तू मुझे हुस्न की धुप का
एक टुकड़ा दे…!