"जब भी उठाता हूँ कलम,सोचता हूँ तुम्हारा नाम लिख दूँ,पता नहीं क्या बात कहूँ,कुछ नहीं तो, अपना हाल लिख दूँ l"
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं !
तुम मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं !
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
सदा दूर रहो ग़म की परछाइयों से,
सामना ना हो कभी तन्हाइयों से,
हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका,
यही दुआ है दिल की गहराइयों से।