दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..
रस्मे उल्फत को निभाए तो निभाए कैसे,हरतरफ आग है ,दामन को बचाए कैसे।बोझ होता जो गमों का तो उठा भी लेते,जिंदगी बोझ बनी तो फिर उठाए कैसे।
Phool Khilte Rahein Zindgi Ki Raah Mein
Hassi Chamakti Rahe Aapki Nigaah Mein
Kadam Kadam Par Mile Khushi Ki Bhaar Aapko
Dil Deta Hai Yehi Dua Baar Baar Aapko
Happy Rose Day…
Itne Lamhe Guzare Hai Tere Saath Humne
Ke Aaj Ek Lamha Tanha Guzarna Mushkil Hain.
चलो यूँ ही सही तुमने माना तो सही
मजबूर कही हम थे ये जाना तो सही
कब कहा हमने की हम बेगुनाह थे
कुछ गुनहगार तुम भी थे ये माना तो सही