भाई और बहन के प्यार में बस इतना अंतर हैं, की रूला के जो मना ले वो भाई और रूला कर जो खुद रो पड़े वो बहन हैं।
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
परिश्रम की मिशाल हैं, जिस पर कर्जो के निशान हैं,
घर चलाने में खुद को मिटा दिया, और कोई नही वह किसान हैं
चलो ज़िन्दगी को जिंदादिली से जीने के लिए एक छोटा सा उसूल बनाते हैं,
रोज़ कुछ अच्छा याद रखते हैं, और कुछ बुरा भूल जाते हैं।