जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
रब ना करे इश्क़ की कमी किसी को सताए ,प्यार करो उसी से जो तुम्हे दिल की बात बताये,प्यार करने से पेहले ये कसम जरूर लेना,की हे खुदा, आखरी साँस तक हम इस प्यार को निभाए.
ऐ खुदा लोग बनाये थे पत्थर के अगर,
मेरे एहसास को शीशे का न बनाया होता।
Yaado k jungle me tab tak firta hu
Jab tak pair lahu luhan nahi ho jate..
ऐसा नहीं था कि इस दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी
लेकिन इन हाथों में तेरे नाम की लकीर ही नहीं थी