बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
शाम भी खास है, वक़्त भी खास है,
तुझको भी एहसास है, तो मुझको भी एहसास है,
इससे जयादा मुझे और क्या चाहिए,
जब मैं तेरे पास, और तु मेरे पास है
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम.
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं,
अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं,
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का,
आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं।