छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।
किसी ने ग़ालिब से पूछा:
"मोहब्बत शादी से पहले
करनी चाहिए या शादी
के बाद?!?"
ग़ालिब ने कहा:............
"कभी भी करो पर बीवी को
पता नहीं चलना चाहिए!"
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।