पसीना उम्रभर का
उसकी गोद में सूख जायेगा'
हमसफ़र क्या चीज है
ये बुढ़ापे में समझ आयेगा..!!
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
सफलता ना मिले तो घबराना नही,
रुक कर सोचना तो पाओगे की ,
कुछ कदम चलना अभी शेष है।
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
कितने मूर्ख हैं
हम भगवान के बनाए फलों को भगवान को ही अर्पण करके धन दौलत माँगने लगते हैं