Door kahin meri nazro se rahti hai wo,
har lamha mere khayalo me rahti hai wo.
Kaisi hai wo, kis haal me hai wo,
dil ke mere har sawaal me rahti hai wo.
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने,कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो,अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।।