कैसे एक लफ्ज़ में बयां कर दूँ
दिल को किस बात ने उदास किया
पलकों से रास्ते के काटे हटा देंगे,
फूलों को क्या हम अपना दिल बिछा देंगे।
टूटने ना देंगे अपनी दोस्ती को कभी,
बदले में हम खुद को मिटा लेंगे।।
Din Me Deepak Jalane Se Kya Hoga ,
Raakh Me Aag Lagane Se Kya Hoga,
Jab Aapko Aati Hi Nahi Hamari Yaad,
Toh Phir Yaad Dilane Se Kya Hoga?
साला क्या समय चल रहा है
खाते हैं तो पचता नहीं
कमाते हैं तो बचता नहीं
ऐसा लगता है कि बटुए में नाथूराम गोडसे बैठा हैं
जो गांधी जी को रहने ही नहीं देता है
😜😜😜😝😝
खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हँसे तो सही,
मेरे न सही… किसी के दिल में बसे तो सही।