मैं ‘गलती’ करूँ तब भी मुझे
‘सीने’ से लगा ले,
कोई’ ऐसा चाहिये, जो मेरा हर
‘नखरा’ उठा ले।
Kaanton Se Nibana Aadath Si Ho Gayi Hai,
Yeh Gham Sehne Ki Ab Aadat Si Ho Gayi Hai,
Phoolon Se Darr Lagtha Hai Humme,
Yaadon Mein Bhatakne Ki Aadath Si Ho Gayi Hai…!!!
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
Teri Kami Khalti Rahti Hai Sada,
Ek Be Naam Tasweer Ki Tarah.