Mile ho tum humko
Bade naseebon se
Churaya hai maine
Kismat ki lakeeron se.
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!!!
हम तस्लीम करते हैं,
हमें फुर्सत नहीं मिलती,
मगर ये भी ज़रा सोचो,
तुम्हें जब याद करते हैं,
ज़माना भूल जाते हैं|
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
कुछ लम्हे और उसका साथ चाहता था,
आँखों में थमी वो बरसात चाहता था !!
जानता हु बहुत चाहती थी वो,
मगर उसकी जुबान से 1 बार इज़हार चाहता था...!!