Mile ho tum humko
Bade naseebon se
Churaya hai maine
Kismat ki lakeeron se.
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
प्यार मोहब्बत तो सभी करते हैं,दर्द-ए -जुदाई से सभी डरते हैं,हम न तुमसे प्यार करते हैं ना ही मोहब्बत,हम तो बस तुम्हारी एक मुस्कराहट के लिए तरसते हैं।
प्यार मोहब्बत तो सभी करते हैं,
दर्द-ए -जुदाई से सभी डरते हैं,
हम न तुमसे प्यार करते हैं ना ही मोहब्बत,
हम तो बस तुम्हारी एक मुस्कराहट के लिए तरसते हैं।
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye