शब्द तो दिल से निकलते है,दिमाग से तो मतलब निकलते है..
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में……रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में !!
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।