बहुत खुबसूरत होते है ऐसे रिश्ते, जिन पर कोई हक़ भी ना हो और शक भी ना हो|
न सोचा मैंने आगे,
क्या होगा मेरा हशर,
तुझसे बिछड़ने का था,
मातम जैसा मंज़र!
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इज़हार आसान होता है
रूह से हुई मोहब्बत समझने में ज़िन्दगी गुजर जाती है
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.