अक्सर याद आता है कॉलेज का जमाना,
दिल में इश्क और मन पढ़ाई में लगाना.
Chalo Baant Lete Hein Kuch
Is Tarah Se Duniya Saari
Chalo Sab Kuch Tum Rakh Lo,
Ek Bus Tum Hamaare..!!
गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के
खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…