काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
एडमिन का आधी रात को फ़ोन बजा|फ़ोन एक लड़की का था|एडमिन: hello कौन?लड़की: में तेनु समझावा की, न तेरे बिना लगदा जीएडमिन(खुश होकर): तो मुझसे शादी करोगी?लड़की: इस गाने को अपनी कॉलर ट्यून बनाने के लिए 8 दबाए|
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
Apni tanhaayi se tang aa kar..
Bahut se aainey khareed laya hun …