शाम सूरज को ढलना सिखाती है;शमा परवाने को जलना सिखाती है;गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
विद्या के अलंकार से अलंकृत होने पर भी दुर्जन से दूर ही रहना चाहिए,
क्योंकि मणि से भूषित होने पर भी क्या सर्प भयंकर नहीं होता
ज़रूरी नहीं की हर समय, लबों में भगवन का नाम आये,
वो लमहा भी भक्ति का होता है, जब इंसान इंसान के काम आये।
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
जब कोई आप को अपना समय देता है,
तो याद रहे कि वह अपने जीवन की सबसे अमूल्य चीज आप को दे रहा है !