तेरी यादों की खुशबू से हम महकते रहते हैं,
जब जब तुझको सोचते हैं हम बहकते रहते हैं…
भोली सी अदा कोई फिर इश्क की जिद पर है,फिर आग का दरिया है और डूब के जाना है।
एक तुम ही मिल जाते बस इतना काफ़ी था,सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।
"खुशी में,महीनों की दूरी भी सह जाते है,नाराजगीं में, एक पल भी ना काट पाते है l"