भोली सी अदा कोई फिर इश्क की जिद पर है,फिर आग का दरिया है और डूब के जाना है।
आँखे तो प्यार में दिल की जुबान होती है,
चाहत तो सदा बेजुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है.
छू गया जब कभी ख्याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में,
और घर देर तक महकता रहा।
होंठो ने मुस्कुराने से मना कर दिया..
आंसुओं ने बह जाने से मना कर दिया..
एक बार जो दिल टूटा प्यार में..
फिर इस दिल ने दिल लगाने
से मना कर दिया /...
चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा