एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई ।
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे,
आँखों से मोती निकलते रहेगे,
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे.
मैं ज़ितना करता हूँ प्यार उनसे,वो उससे जादा प्यार करती है lवो माँ भी है ,हँस के सारे गम सहती है l